रेलवे ने अपने 21 नकारा सीनियर अधिकारियों को नौकरी से बाहर किया

Dec 06, 2019

 

खरी खरी डेस्क

नई दिल्ली, 6 दिसंबर। नकारेपने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने कड़े कदम उठाना शुरू किए हैं। इसकी पहली कड़ी में 21 सीनियर अधिकारियों को विभाग से जबरन बाहर कर दिया गया है। सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक भ्रष्टाचार और नॉन परफॉर्मेंस का आरोप झेल रहे इन अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। जिन अधिकारियों को बाहर किया गया है, उनमें गजटेड और नॉन गजटेड अधिकारी शामिल है।

इन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने से पहले इन्हें नोटिस दिया गया था। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है वे अलग-अलग जोन से हैं। इससे पहले रेलवे ने सभी बोर्ड को कहा था कि उन अधिकारियों की सूची बनाई जाए तो परफॉर्मेंस के पैमाने पर सही नहीं उतर रहे थे। इसके अलावा उन अधिकारियों के बारे में भी पूछा गया था जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेल मंत्रालय को निर्देश दिया था कि नॉन परफॉर्मेंस और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी फिक्स की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पीएम ने इंफ्रास्ट्रक्चर सचिवों की मीटिंग में भी ऐसे अफसरों को चिन्हित करने को कहा था।जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनका ब्यौरा इस प्रकार है- आईआरएएस के अधिकारी अशोक कुमार को जबरन रिटायर किया गया हैआईआरपीएस जी साथी भी इस लिस्ट में शामिल हैं. आईआरटीएस के तीन अधिकारियों एम के सिंह, आर पी मीणा और पीसी डूडे को भी जबरन रिटायर किया गया है। आईआरएसई के 6 अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है- इसमें पीसी मीणा, अनिल कुमार, आर के मीणा, वी गोपाल रेड्डी, के वेंकटेश्वर और डीएस रिजवी शामिल हैं। आईआरएसईई के 3 अधिकारी बी समजदार, एस के जीणा और के मुखर्जी, राकेश कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। इसके अलावा विजय सिंह मीणा, आर मीणा और एलएस ट्यूप, एस मंडल, संजय पोटदार और सीपी शर्मा को भी जबरन रिटायर कर दिया गया है।